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गुरुवार, मई 08, 2008

मेरी कवितायों की कॉपी

***** मेरी कवितायों की कॉपी *****
पैसा कमाने की मशीन मैं आज ।
कल जो निश्चिंत लिखा करता था बहुत कुछ उस नवनीत के फुल स्कापे रजिस्टर पर ।
जिससे मैं एक रोजनामचे के मनिद लेख देता था कुछ स्वयं सिद्ध मुक्तक, नई कविता या तुकबंदी।
आज मुझे कुछ लिखने का मन कर रहा है।
गोया मैं निश्चिंत हों फिर से ।
लेकिन पता नही कहाँ खो गई है मेरी कवितायों की कॉपी ।
हो सकता है पूजा वाले कमरे मे रखे बिस्तरपेटी मे पुरानी किताबों और कापियों के साथ हो।
या न जाने माँ ने रद्दी वाले को न दे दी हो मेरी कवितायों की कॉपी ।
खोजना होगा मुझे अपनी कवितायों की कॉपी .
चलो जाता हूँ मै खोजने अपनी कवितायों की कॉपी ।

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