(याद आई कुछ लाइनें)
१.
प्रलय तिमिर में संयम रख कर, सीख लेते हैं जो हार में जीना.
बिन तरकश तीरों के वो ही चीर देते हैं समुन्दर का सीना.
२.
प्यास कहती है चलो रेत नेचोड़े,
अपने हिस्से में समुन्दर आने वाला नहीं.
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