पियो चाय अब

१.

एक चुलबुली

श्वेत कार में गाती

हर हाइनेस सी 

२.

दुकान मेरी

शब्दों की बंद सालों

उसने यूं खोली

३.

खंगाले शब्द

धोए निचोड़ के सुखाए 

फूटी कविता

४.

बोली नींद से

जापानी इनेमुरी सी

तुम जाग गए

५.

पतीली मेरी

काव्य की गरमाने

पियो चाय अब



बस स्टॉप

हम रोज़ बस स्टॉप पर टकराते थे, मुस्कुराने लगे, देख एक दूसरे को। अब टकराते नहीं, मिलने लगे हैं जो रोज़। बेमतलब की बातें शुरू हुई कल से, और, आ...