Translate

रविवार, अगस्त 22, 2010

पहेलिका


सन्त वचन मुखरित,
मुख मण्डल सुरचित,
वाणी सदा मधु मिश्रित,
कर्म धर्म सदा प्रगटित,
समाज कल्याण हेतु धन संग्रहित.
वायदों के बस्ते,
अनुयायियों के गुलदस्ते,
सुखमय भविष्य के रस्ते,
खादी में ही जचते.
इदम् न संतम्,
इदम् न नायकम्,
इदम् न चारणः,
इदम् न सेवकः,
इदम् नस्तु महानेवचः,
अस्तु इदम् किम्,
बूझत अस्य तम् एव सर्वोच्चः

कोई टिप्पणी नहीं:

रक्षाबंधन 2018