हे ईश्वर!

कुछ दिनों से जब-जब समाचार पढ़ता हूँ,
रोज सुबह दिल भर आता है.
उत्तराखंड की तस्वीरें और खबरें पढ़ कर.
ये क्या है ईश्वर?
जिन लोगों ने तुमको सदियों से पूजा, विश्वास किया.
उन लोगों के साथ ही विश्वासघात;
तुम मानव कब बन गए पता ही नहीं चला.

बस स्टॉप

हम रोज़ बस स्टॉप पर टकराते थे, मुस्कुराने लगे, देख एक दूसरे को। अब टकराते नहीं, मिलने लगे हैं जो रोज़। बेमतलब की बातें शुरू हुई कल से, और, आ...