रक्षाबंधन

आज है राखी का त्यौहार,
बहिनों की याद आती फिर बार-बार.
पोस्टमैन भैया लाता जब राखी ,
सजती कलाई, होता उसका श्रृंगार.
चाहे दूर-दूर हो फिर भी,
राखी रूप ले आ जाती बहना-
दे जाती खुशियाँ अपार.

क्यों बेचारा हो किसान?

पहले किसानों की जमीन ले लो,
फिर उनके खेतों का पानी, शहर की और मोड़ दो,
और जब वो बोलों उनको गोली दे कर चुप कर दो,
वाह री भारत सरकार, कुछ तो समझ से काम लो.
अगर किसान मरा, या मरी उसकी किसानी,
तो क्या उखाड लोगे,
जब भूखे रोयेंगे राजकुमार तुम्हारे,
क्या सोने के चने चबाओंगे.
http://www.hindustantimes.com/4-farmers-killed-in-police-firing-in-Pune/Article1-731402.aspx

शिक्षा

श्रीमान जब शिक्षा दे
उन्हें.
श्रीमति बोली
फिर उनसे यही,
घेरो न लल्ला को हमारे
नौकरी करनी नहीं.
हे शिक्षे!!!
तुम्हारा नाश हो,
जो तुम नौकरी हित बनी.
मूर्खता!!!
तुम जीती रहो
रक्षक तुम्हारे नेता और धनी.

बस स्टॉप

हम रोज़ बस स्टॉप पर टकराते थे, मुस्कुराने लगे, देख एक दूसरे को। अब टकराते नहीं, मिलने लगे हैं जो रोज़। बेमतलब की बातें शुरू हुई कल से, और, आ...