पहली बूंद

पहली बूंद
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पहली बूंद जैसे तपते तवे पर नाचती मयूरी की तरह,
सुरभित वातावरण जिससे।
किसान खुश ,खेत खुश, सूखे नदी-नाले खुश, जलचर खुश, वनचर खुश;
खुश, पहली बूंद का रूपक बन गया जैसे।
एक पानी के छोटे से भी छोटे गोले में कितनी सम्भावनाये...
अद्भुत।

बस स्टॉप

हम रोज़ बस स्टॉप पर टकराते थे, मुस्कुराने लगे, देख एक दूसरे को। अब टकराते नहीं, मिलने लगे हैं जो रोज़। बेमतलब की बातें शुरू हुई कल से, और, आ...